कोरोना वायरस

इंसानों से इंसानों में फैलता है जानलेवा कोरोना वायरस


वायरस का मूल चीन के वुहान शहर में


चीन समेत दुनिया के कई दूसरे देशों में फैल चुके कोरोना वायरस को लेकर भारत में भी एडवाइज़री जारी की गई है. दिल्ली समेत देश के सात हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है. ताकि अगर चीन या हांगकांग से लौटे किसी शख़्स में संक्रमण के असर दिखते हैं तो उसकी तुरंत जांच कराई जा सके. इस वायरस को लेकर सबसे बड़ा ख़तरा ये है कि यह इंसानों से इंसानों में फैलता है. चीन के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं जिससे ये पुष्टि होती है कि यह वायरस एक शख़्स से दूसरे को भी होता है. अधिकारियों का कहना है कि ऐसा कहने के पीछे वजह ये है कि कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें मरीजों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों में भी संक्रमण के लक्षण नज़र आ रहे हैं.


इस वायरस की वजह से चीन में लोगों की मनोदशा बदल गई है. लोग डरे हुए हैं. इस वायरस के लिए अभी तक कोई वैक्सीन तैयार नहीं की गई है. सावधानी के तौर पर अभी तक जो किया जा रहा है वो बस यही है कि संक्रमित और बीमार लोगों से दूरी बनाकर रखी जाए.


इस वायरस का मूल चीन के वुहान शहर में है. एक करोड़ से ज़्यादा लोगों की आबादी वाला यह शहर फिलहाल एक तरह से बंद है. सार्वजनिक यातायात को बंद कर दिया गया है. जो लोग इस शहर में रह रहे हैं उन्हें सलाह दी गई है कि वो अपना शहर ना छोड़ें. हालांकि जेनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन की बैठक में इसे अभी तक अंतरराष्ट्रीय आपातकाल नहीं घोषित किया है.


भारत को चिंता करने की कितनी ज़रूरत


भारत में नेशनल सेंटर फ़ॉर डिज़ीज़ कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ. सुजीत कुमार सिंह के मुताबिक़, यह वायरस मर्स और सार्स वायरस की तरह जानवरों से ही आया है. दस से बीस दिनों के भीतर ही यह वायरस 40 से 550 लोगों को संक्रमित कर चुका है. जो वायरस अब तक चीन तक ही सीमित था वो अब 5-6 देशों तक भी पहुंच चुका है. वो कहते हैं "यह वायरस अमरीका तक पहुंच चुका है तो हमारे देश के लोग भी चीन की यात्रा करते हैं. क़रीब 1200 मेडिकल स्टूडेंट चीन में पढ़ाई कर रहे हैं, जिसमें से ज़्यादातर वुहान प्रांत में ही हैं. ऐसे में अगर वो वहां से लौटते हैं तो इस वायरस के भारत में आ जाने की आशंका बहुत बढ़ जाती है." हालांकि वो ये ज़रूर कहते हैं कि भारत में यह वायरस कैसे प्रतिक्रिया देगा, इस बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता क्योंकि ये नया वायरस है और इसके बारे में बहुत कुछ पता नहीं है.


किस तरह की तैयारी रखनी चाहिए



Source: World Health Organisation


नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से पहले ही चीन और हांगकांग से यात्रा कर रहे यात्रियों को लेकर निर्देश जारी किये जा चुके हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी एक एडवाइज़री जारी की. डॉक्टर सिंह के मुताबिक़ सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है. एयरपोर्ट पर लगे थर्मल स्क्रीनिंग से हर पैसेंजर की जांच की जा रही है. जिस भी यात्री में बढ़ा हुआ तापमान पाया जाएगा, उसकी जांच की जाएगी और फिर डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों के अनुसार संक्रमण की जांच के लिए परीक्षण के लिए भेजा जाएगा. एयरपोर्ट, अस्पताल और सामुदायिक केंद्रों... तीनों जगहों पर हर तरह की सतर्कता बरती जा रही है. अगर कोई शख़्स एयरपोर्ट जांच के दौरान अगर पकड़ में नहीं भी आता है तो कम्युनिटी में उसकी जांच की जाएगी. डॉ सुजीत कुमार सिंह कहते हैं कि जैसा कि हर बीमारी के लिए कहा जाता है कि इलाज से बेहतर है सावधानी. ऐसे में हर किसी को सावधान रहने की सलाह दी जा रही है. वो कहते हैं "अगर आपका कोई परिचित चीन जाना चाह रहा है तो उसे सलाह दी जाती है कि अगर बहुत ज़रूरी ना हो तो वे चीन ना जाएं. और अगर कोई वहां से लौटकर आ रहा है तो वह अपनी जांच सबसे पहले करवाएं."


क्या है यह वायरस


मरीज़ों से लिए गए इस वायरस के सैंपल की जांच प्रयोगशाला में की गई है. इसके बाद चीन के अधिकारियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि यह एक कोरोना वायरस है. कोरोना वायरस कई क़िस्म के होते हैं लेकिन इनमें से छह को ही लोगों को संक्रमित करने के लिए जाना जाता था. मगर नए वायरस का पता लगने के बाद यह संख्या बढ़कर सात हो जाएगी. नए वायरस के जेनेटिक कोड के विश्लेषण से यह पता चलता है कि यह मानवों को संक्रमित करने की क्षमता रखने वाले अन्य कोरोना वायरस की तुलना में 'सार्स' के अधिक निकटवर्ती है. सार्स नाम के कोरोना वायरस को काफ़ी ख़तरनाक माना जाता है. सार्स के कारण चीन में साल 2002 में 8,098 लोग संक्रमित हुए थे और उनमें से 774 लोगों की मौत हो गई थी.


कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण



Source: World Health Organisation


सिरदर्द


नाक बहना


खांसी


गले में ख़राश


बुखार


अस्वस्थता का अहसास होना


छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना


थकान महसूस करना


निमोनिया, फेफड़ों में सूजन


समस्या कितनी गंभीर


कोरोना वायरस के कारण अमूमन संक्रमित लोगों में सर्दी-जुक़ाम के लक्षण नज़र आते हैं लेकिन असर गंभीर हों तो मौत भी हो सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबरा के प्रोफ़ेसर मार्क वूलहाउस का कहना है, "जब हमने ये नया कोरोना वायरस देखा तो हमने जानने की कोशिश की कि इसका असर इतना ख़तरनाक क्यों है. यह आम सर्दी जैसे लक्षण दिखाने वाला नहीं है, जो कि चिंता की बात है."


नई क़िस्म का वायरस


ये वायरस एक जीवों की एक प्रजाति से दूसरे प्रजाति में जाते हैं और फिर इंसानों को संक्रमित कर लेते हैं. इस दौरान इनका बिल्कुल पता नहीं चल पाता. नॉटिंगम यूनिवर्सिटी के एक वायरोलॉजिस्ट प्रोफ़ेसर जोनाथन बॉल के मुताबिक़, "यह बिल्कुल ही नई तरह का कोरोना वायरस है. बहुत हद तक संभव है कि पशुओं से ही इंसानों तक पहुंचा हो." सार्स का वायरस बिल्ली जाति के एक जीव से इंसानों तक पहुंचा था. हालांकि चीन की ओर से अभी तक इस मूल स्रोत के बारे में कुछ भी पुष्ट तौर पर नहीं कहा गया है.


चीन ही क्यों


प्रोफ़ेसर वूलहाउस का कहना है कि जनसंख्या के आंकड़ों और घनत्व के कारण यहां के लोग जानवरों के संपर्क में जल्दी आ जाते हैं. वो कहते हैं "कोई हैरानी नहीं है कि चीन में ही आने वाले समय में कुछ ऐसा ही सुनना को मिले." इस मौजूदा वायरस को लेकर यही सबसे बड़ा डर है कि इससे सबसे पहले फेफड़े ही प्रभावित हो रहे हैं. इस वायरस का संक्रमण होते ही संक्रमित शख़्स को खांसी और नज़ला की शिकायत हो जाती है. हालांकि अभी जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वो ही अंतिम आंकड़े हों ऐसा नहीं कहा जा सकता.


इस मामले पर कैसे काम कर रहा है चीन


संक्रमित लोगों की एकल कक्ष में और अकेले में जांच की जा रही है ताकि इस बीमारी को और बढ़ने से रोका जा सके. जिन-जिन जगहों से यात्री गुजरेंगे उन-उन जगहों पर थर्मल स्कैनर्स लगाए गए हैं ताकि जैसे ही किसी के बुख़ार की पुष्टि हो उसकी जांच की जा सके. इसके अलावा सी-फ़ूड मार्केट को फिलहाल के लिए बंद कर दिया गया है ताकि सफ़ाई बनी रहे और संक्रमण को कम किया जा सके. यह व्यवस्था केवल चीन में ही नहीं की गई है. चीन के अलावा एशिया के कई दूसरे देशों और अमरीका में भी इस तरह की व्यवस्था की गई है ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके.


कोरोना वायरस कितनी तेज़ी से फैल रहा है


शुरुआत में माना जा रहा था कि इस वायरस का असर सीमित ही होगा लेकिन दिसंबर के बाद से कई नए मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि इस संक्रमण की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई लेकिन अब इसका संक्रमण चीन के बाकी शहरों के साथ-साथ देश के बाहर भी नज़र आ रहा है. थाईलैंड, जापान, अमरीका और दक्षिण कोरिया में भी संक्रमण के कुछ मामले सामने आए हैं. वुहान से होकर आने वाले लोगों में इसके संक्रमण की आशंका अधिक है. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा ज़रूरी नहीं है कि सभी संक्रमित लोगों की पहचान हुई ही हो. ऐसा हो सकता है कि बहुत से ऐसे मामले हो सकते हैं जो छूट गए हों. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यह वायरस नए साल चीन घूमने आए बहुत से लोगों के साथ अलग-अलग देशों में लाखों लोगों में पहुंच चुका हो.